इनके प्रकार क्रिया विशेषण, सम्बन्ध सूचक, समुच्चय बोधक तथा विस्मयादि बोधक हैं.
4.
लाखों में संख्या हो जाने से इस तरह के किसी भी समुदाय का सम्बन्ध सूचक (
5.
या तो रिश्ता बताते हुए-पिताजी, माताजी, बुआजी, दीदीजी आदि सम्बन्ध सूचक नामों से संबोधन करना चाहिए।
6.
विशेषण, सम्बन्ध सूचक उपवाक्य, क्रिया विशेषण और क्रियार्थक संज्ञा जैसे विशेषक सामान्यतः शीर्ष से पहले लगाए जाते हैं।
7.
प्रभाव पूर्ण नातेदार संयुग्मन / संयोजन परस्पर सम्बन्धित व्यवस्थापिका सभा मैथुन क्रिया प्रतिनिधि सभा महासम्मेलन सम्बन्धी सम्बन्ध वाचक सर्वनाम संबन्द्धित अमरीका के प्रजातन्ट्रों की राष्ट्रीय व्यवस्थापिका सभा सालाना बैठक समागम सम्बन्ध सूचक सम्बन्ध सूचक समधी सम्बन्ध बोधक सम्बन्ध वाचक क्रिया-विषेशण रिस्तेदार सम्बन्ध बोधक अमरीका के प्रजातन्ट्रों की राष्ट्रीय व्यवस्थापिका सभा परस्पर सम्बन्धित बोल चाल प्रतिनिधि सभा संभोग परस्पर व्यवहर रिश्तेदार यौन संबंध
8.
प्रभाव पूर्ण नातेदार संयुग्मन / संयोजन परस्पर सम्बन्धित व्यवस्थापिका सभा मैथुन क्रिया प्रतिनिधि सभा महासम्मेलन सम्बन्धी सम्बन्ध वाचक सर्वनाम संबन्द्धित अमरीका के प्रजातन्ट्रों की राष्ट्रीय व्यवस्थापिका सभा सालाना बैठक समागम सम्बन्ध सूचक सम्बन्ध सूचक समधी सम्बन्ध बोधक सम्बन्ध वाचक क्रिया-विषेशण रिस्तेदार सम्बन्ध बोधक अमरीका के प्रजातन्ट्रों की राष्ट्रीय व्यवस्थापिका सभा परस्पर सम्बन्धित बोल चाल प्रतिनिधि सभा संभोग परस्पर व्यवहर रिश्तेदार यौन संबंध